Thursday, April 23, 2020

हिन्दी व्याकरण, कक्षा - नवीं - 'शब्द एवं पद'



शब्द एवं पद
कक्षा नवीं के लिए यह पाठ नया है | पहले हम यह समझेंगे कि शब्द क्या है ? मन में यह सवाल उठ सकता है कि इसमें समझना क्या है, हम जो बोलते हैं वे शब्द ही तो हैं | बोलचाल की भाषा में यह सही है परन्तु व्याकरण में शब्द और पद का वर्गीकरण किया गया है |
शब्द की परिभाषा : ध्वनियों के ऐसे समूह को शब्द कहा जाता है जिसका कोई अर्थ हो जैसे-
गगन, चकोर, बादल, पानी इत्यादि | ये सभी शब्द - समूह सार्थक होने के साथ- साथ स्वतंत्र भी हैं|
चलिए ! इन्हीं शब्दों को दुबारा लिखते हैं-  नगग, रकोच, लदबा, नीपा -इनका कोई अर्थ नहीं निकलता
पद की परिभाषा : जब यहीं शब्द व्याकरणिक नियमो से बंधकर वाक्य में परिवर्तित हो जाते हैं,
तो पद कहलाते हैं जैसे-  बादल को देखकर मोर नाचने लगता है | चकोर पंक्षी चाँद को निहारता रहता है |
शब्द और पद में अंतर :-
शब्द
१. अर्थपूर्ण वर्ण समूह को शब्द कहते हैं
२. इनका स्वतंत्र प्रयोग होता है |
३. इनसे पदों का निर्माण होता है |
४. जैसे - भगवाना, दुखियारी, माँ, पुत्र, था |
पद
१. अर्थपूर्ण शब्द समूह जब वाक्य में प्रयुक्त होते हैं तो पद बन जाते हैं |
२. इनका स्वतंत्र प्रयोग नहीं होता |
३. पदों से पदबंधों की रचना होती है |
४. जैसे- भगवाना दुखियारी माँ का पुत्र था |
पुनरावृति कार्य-  शब्द प्रत्येक स्वतंत्र और सार्थक वर्ण-समूह शब्द कहलाता है |
जैसे- बच्चा, राम ,दिल्ली, घोड़ा आदि |
पद- जब कोई शब्द व्याकरण के नियमों यथा- उपसर्ग, प्रत्यय,कारक,लिंग ,वचन पुरुष
आदि में बंध जाता है,तब वह शब्द स्वतंत्र न रहकर पद बन जाता है |
उदाहरण -  १.बच्चा रोता है |
          २. राम दशरथ के पुत्र हैं |
          ३. घोड़ा हिनहिना रहा है |  



Wednesday, April 1, 2020

कक्षा-  IX पाठ्यक्रम   इकाई  परीक्षा-१
स्पर्श भाग -१ :दुख का  अधिकार, रैदास के पद
संचयन: गिल्लू
व्याकरण: पत्र,  अनुच्छेद , वर्ण-विच्छेद,  अपठित गद्यांश